संकट में पहाड़: जल विद्युत् परियोजनाओं से प्रभावित क्षेत्रों के लिए पुस्तिका प्रकाशित

हिमधरा पर्यावरण समूह ने जल विद्युत् परियोजनाओं से जुड़े मुद्दों और हिमाचल की जनता के इन परियोजनाओं को ले कर अनुभवों पर ‘संकट में पहाड़’ नामक दस्तावेज़ प्रकाशित किया है। कानूनी और नीतिगत जानकारी के अभाव में परियोजना प्रभावित जनता के सामने अपनी समस्याओं के हल निकालने के बहुत कम रास्ते रह जाते हैं। “यह मार्गदर्शिका साधारण भाषा में जल विद्युत् परियोजनाओं को ले कर कुछ ढांचागत सवाल उठाती है और साथ ही साथ कानूनी जानकारी की कमी को कुछ हद तक पूरा करने की कोशिश है। साथ ही हिमाचल में जल विद्युत् परियोजनाओं के जनता के अनुभवों को बांटने का एक प्रयास है।

पिछले दो दशकों से देश व प्रदेश की नीतियों के चलते हिमालयी क्षेत्र में जलविद्युत परियोजनाओं के निर्माण को बढ़ावा दिया गया है। स्थिति यह है कि आज हिमालयी क्षेत्र में लगभग सभी छोटी बड़ी नदियों पर जलविद्युत परियोजनाएं बन रही हैं। इन परियोजनाओं के स्थानीय जनता व पर्यावरण पर बहुत गहरे प्रभाव पड़ रहे हैं जिनको सरकारी अधिकारीयों, योजना बनाने वालों व परियोजना प्रबंधकों के द्वारा नज़रंदाज किया गया है। आज की विकास की प्रणाली में आखिर स्थानीय जनता और पर्यावरण की क्या जगह है जब सरकार और निजी कंपनियां मुनाफ़ा कमाने की दौड़ में हैं ? और लोकतंत्र में कौनसी जगह है जहां आम जनता इन परियोजनाओं पर सवाल उठा सकती है या अपने अधिकारों का हनन होने से रोक सकती है? इन सवालों का उत्तर देने की कोशिश करती है यह पुस्तिका।

इस पुस्तक की मदद से जल विद्युत् या पहाड़ी क्षेत्र में बड़े निर्माण कार्यों से प्रभावित लोग परियोजनाओं के प्रभावों, पर्यावरण संबंधी कानूनी प्रावधानों व अपने अधिकारों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकें।इस दस्तावेज़ के अन्तिम भाग में हमने ऊर्जा क्षेत्र व जलविद्युत परियोजनाओं के तकनीकी पहलुओं व इनकी राजनीति से संबंधित कुछ बुनियादी सवालों पर अपना नज़रिया रखने की कोशिश की है।

हमारा मनना है कि आज हिमालयी क्षेत्र पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। जो पर्यावरणीय, सामजिक, भौगौलिक और आर्थिक कठिनाइयां इन क्षत्रों को देखनी पड़ रहीं हैं उनमें प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक दोहन का बड़ा योगदान है… और यहां की स्थानीय जनता को ही इस संकट से उभरने के रास्ते निकालने भी होंगे।

पुस्तिका की कॉपी आप यहां से डाउनलोड कर सकते हैंं।

हिमधरा समूह एक स्वायत संगठन है। हम सवतंत्र रूप से अध्ययन करते हैं और जनता की आवाज़ को तथ्यों के साथ मज़बूती देना ही हमारा काम है। साथ ही पहाड़ की नदियाँ और वन के संरक्षण के लिए कार्यरत हैं ।

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